Durga Chalisa PDF in Hindi- Sarkariaid.com

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Durga Chalisa PDF हिंदी में अगर आप download करना चाहते हैं तो इस लेख को ध्यान से पढ़े। इस पोस्ट में प्रस्तुत लिंक के माध्यम से आप श्री दुर्गा चालीसा (दुर्गा चालीसा) की पीडीएफ संस्करण को हिंदी में डाउनलोड कर सकते हैं। अगर आप श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहते हैं – तो आपके लिए यह बिल्कुल सही स्थान है। इस लेख में, हम आपको श्री दुर्गा चालीसा (दुर्गा चालीसा) के बारे में पूरी जानकारी देंगे और सीधे पीडीएफ डाउनलोड करने का लिंक भी प्रदान करेंगे।

माँ दुर्गा की महिमा अपरमपार है जो भक्त सच्चे ह्रदय से उन्हें याद करते हैं माँ उनकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करती है। माँ दुर्गा बहुत दयालु , ममतामयी और करुणामयी है। माँ का आशीर्वाद आप भक्त जानो पे सदा बना रहे इसके लिए आपको Durga Chalisa का पाठ नित्य अवश्य करना चाहिए। चलिए जानते हैं माँ दुर्गा की पूजन विधि के बारे में उसके बाद आपको दुर्गा चालीसा पढने के लिए और डाउनलोड करने के लिए भी मिल जायेगा।

Durga Chalisa – Overview

Durga Chalisa
Durga Chalisa
NameDurga Chalisa
PDF size1.19MB
CategoryReligion & Spirituality.
PDF LinkDownload
Sourcevedpuran.files
Date24/08/2023
Durga chalisha PDF Download

Durga Puja Kaise Karte Hain

मां दुर्गा पूजन विधि – सबसे पहले मन की शुद्धि करें मन में माँ के करुणामयी रूप की आराधना करें फिर स्नान करके पूजन सामग्री जैसे : अक्षत, सिंदूर, लाल पुष्प तथा प्रसाद में फल और मिठाई चढ़ाये। फिर अगरबत्ती जला कर माँ को याद करें उसके बाद durga chalisa का पाठ कर सकते हैं या कथा भी सुन सकते हैं। इसके बाद माँ की आरती करें और भोग भी लगायें। फिर प्रसाद वितरण करें।

Durga Chalisa Padhne Ke Fayde

शास्त्रों में मां की महिमा की स्तुति के लिए दुर्गा चालीसा का पाठ सर्वोत्तम माना जाता है। मां दुर्गा की पूजा को बिना चालीसा के अधूरा माना जाता है। नवरात्रि में दुर्गा चालीसा का पाठ करने से शत्रुओं से मुक्ति, इच्छा पूर्ति सहित अनेक मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।

मां दुर्गा का आविर्भाव धर्म की रक्षा और अंधकार को मिटाने के लिए हुआ था। शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि या किसी भी शुभ अवसर पर मां दुर्गा की स्तुति के लिए दुर्गा चालीसा का पाठ करना उत्तम माना गया है। व्रती भक्त रोज़ाना दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं।

Durga Chalisa Written mein likha hua

निचे माँ दुर्गा चालीसा लिखा हुआ है इसे आप पढ़ सकते है और अपनी मित्रो को भेज भी सकते हैं

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूं लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥
तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी। तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें। ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
रूप सरस्वती को तुम धारा। दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा। परगट भई फाड़कर खम्बा॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो। हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं। श्री नारायण अंग समाहीं॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा। दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी। छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥
केहरि वाहन सोह भवानी। लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै। जाको देख काल डर भाजै॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत। तिहुंलोक में डंका बाजत॥
शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे। रक्तबीज शंखन संहारे॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ संतन पर जब जब। भई सहाय मातु तुम तब तब॥
अमरपुरी अरु बासव लोका। तब महिमा सब रहें अशोका॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी। तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें। दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई। जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी। योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो। काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को। काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप का मरम न पायो। शक्ति गई तब मन पछितायो॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी। जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा। दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो। तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावें। रिपू मुरख मौही डरपावे॥
शत्रु नाश कीजै महारानी। सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
करो कृपा हे मातु दयाला। ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।
जब लगि जिऊं दया फल पाऊं । तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं ॥
दुर्गा चालीसा जो कोई गावै। सब सुख भोग परमपद पावै॥
देवीदास शरण निज जानी। करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
॥ इति श्री दुर्गा चालीसा सम्पूर्ण ॥

FAQ

दुर्गा चालीसा क्या है और कैसे पढ़ी जाती है?

उत्तर: दुर्गा चालीसा एक प्रसिद्ध हिंदू भजन है जिसका पाठ देवी दुर्गा की आराधना के लिए किया जाता है। यह 40 श्लोकों का संग्रह है जिन्हें विशेष भक्ति भाव से पढ़ने से मां दुर्गा के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।

दुर्गा चालीसा की महत्वपूर्णता क्या है?

उत्तर: दुर्गा चालीसा का महत्वपूर्ण स्थान हिंदू धर्म में है। यह पाठ भक्तों को मां दुर्गा के प्रति अद्वितीय भक्ति और श्रद्धाभाव की भावना को बढ़ावा देता है, जिससे वे उनके आशीर्वाद को प्राप्त कर सकते हैं।

दुर्गा चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?

उत्तर: यह आपकी आस्था और समय के अनुसार है। कुछ लोग रोज़ाना दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं, जबकि कुछ विशेष त्योहारों या नवरात्रि के दौरान इसे पढ़ना पसंद करते हैं।

दुर्गा चालीसा के लाभ क्या हैं?

उत्तर: दुर्गा चालीसा का पाठ करने से श्रद्धालुओं को मां दुर्गा के आशीर्वाद मिलते हैं, जो उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं। इसके साथ ही शत्रुओं से रक्षा, सुख-शांति, और मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है।

दुर्गा चालीसा को किस तरह से पढ़ सकते हैं?

उत्तर: आप दुर्गा चालीसा को पाठ कर सकते हैं या उसकी ध्वनि सुन सकते हैं। आपके लिए सरल विचारशीलता के अनुसार आपकी प्राथमिकता के अनुसार, आपकी आसानी से सुविधा के अनुसार आपके पास अनेक विकल्प होते हैं।

क्या दुर्गा चालीसा का पाठ केवल नवरात्रि में ही किया जा सकता है?

उत्तर: नहीं, दुर्गा चालीसा को नवरात्रि के अलावा भी किसी भी समय पढ़ सकते हैं। यह आपकी श्रद्धा और आवश्यकताओं के अनुसार है, जो आपको आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

दुर्गा चालीसा का पाठ करने से कौन-कौन से लाभ हो सकते हैं?

उत्तर: दुर्गा चालीसा का पाठ करने से आपको आध्यात्मिक और मानसिक शांति मिल सकती है, साथ ही सार्वभौमिक उत्तराधिकारिता की भावना भी विकसित हो सकती है।

क्या दुर्गा चालीसा का पाठ सिर्फ व्यक्तिगत उपयोग के लिए होता है?

उत्तर: नहीं, दुर्गा चालीसा का पाठ व्यक्तिगत उपयोग के साथ-साथ सामाजिक और धार्मिक आयोजनों में भी किया जाता है। यह समुदाय की भावनाओं को संबोधित करता है और सामूहिक एकता को बढ़ावा देता है।

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