Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act | MGNREGA – 8 वर्षो मे 5 लाख करोड़ रुपये व्यय

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आज हम जानेंगे Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act यानी MGNREGA के बारे में जैसे की मनरेगा क्या है? मनरेगा से जुड़े विवाद क्या है? मनरेगा का लेटेस्ट बजट क्या है? और वित्त मंत्री का मनरेगा से जुड़े विवाद पर क्या कहना है? आदि सारे सवालों के जवाब यदि आपको चाहिए तो इस आर्टिकल से आखिर तक जुड़े रहे।

केंद्र सरकार द्वारा जहां मजदूरों के हित में अधिनियम लागू किए जाते हैं वही उस अधिनियम को लेकर अक्सर वाद विवाद होते रहते हैं। आज हम आपको बताने वाले हैं एक ऐसे ही अधिनियम से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में जो आज काफी ज्यादा सुर्खियों में है। इस अधिनियम का नाम है Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act जिसे मनरेगा भी कहा जाता है।

Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act क्या है? 

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम वह योजना है जिसे देश के गरीब परिवार के लिए लागू किया गया था। इस योजना के अंतर्गत 100 दिन रोजगार की गारंटी मिलती है जिसमें ग्राम पंचायत के अंतर्गत ही लोगों को काम दिया जाता है। इस अधिनियम को 2005 में पारित किया गया था और 2 फरवरी 2006 को देश के 200 जिलों में लागू किया गया।

Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act
Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act

Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act Overview

योजना का नाममहात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम
स्कीमकेन्द्र सरकार
पारित7 सितम्बर 2005
लागू2 फरवरी 2006
लाभार्थीदेश के गरीब परिवार
उद्देश्यगरीबों की आर्थिक सहायता
बजट8 वर्षो मे 5 लाख करोड रुपए खर्च
रोजगार गारंटी100 दिन का रोजगार

Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act का उद्देश्य

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम का उद्देश्य देश के गरीब परिवार कम आय वाले व्यक्ति की आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके और पलायन जैसी समस्याओं से निजात प्राप्त किया जा सके। आज देश के कई गरीब परिवार इस योजना के तहत लाभ प्राप्त किया है। सन 2010- 2011 में केंद्र सरकार ने 40,100 करोड रुपए लोगों तक पहुंचाए थे और आज भी इस योजना के तहत काफी लाभ प्रदान किए जा रहे हैं।

मनरेगा योजना के तहत 8 वर्षो का इतिहास

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है पिछले 8 वर्षों में इस योजना के तहत पांच लाख करोड़ रुपए व्यय हो चुके हैं जिसका 20 प्रतिशत हिस्सा कोरोना काल मे खर्च हुआ। केंद्रीय वित्त मंत्री ने तेलंगाना के कामारेडी जिले में संवाददाताओं से हुई बातचीत के बीच यह बताया कि तेलंगाना को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत 20 हज़ार करोड रुपए दिए गए और इसी अवधि में पूरे देश में इस योजना के तहत 5 लाख करोड रुपए व्यय किये गए।

Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act के तहत अहम मुद्दा क्या है?

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत महत्वपूर्ण मुद्दा यह था कि यदि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए पैसों को सही तरीके से खर्च नहीं किया जाता तो इसके लिए सर्वे दल को तहकीकात के लिए भेजा जाएगा जिसे मुद्दा बनाकर यह आरोप लगाए गए कि सर्वे दल को मनरेगा योजना रोकने के लिए भेजा जा रहा है, जिस पर जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि सर्वे दल को इसलिए भेजा जाएगा ताकि वे योजना से जुड़ी विसंगतियों अर्थात कमियों मे सुधार कर सके। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि पहले इस योजना में काफी खामियां थी जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा सुधार किया गया और अब बेहतर तरीके से इसका लाभ देश के गरीब परिवारों को मिल रहा है।

मनरेगा को लेकर तेलगाना सरकार पर भी लगे आरोप

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत केंद्रीय वित्त मंत्री ने तेलंगाना की सरकार पर आरोप लगाते हुए यह कहा कि इस योजना का सही लाभ लोगों को नहीं दिया जा रहा जिससे राजस्व घाटे में जा रहा है।

किसानों पर बुरा प्रभाव

मनरेगा योजना का सही लाभ ना मिलने के कारण तेलंगाना मे किसानों का कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है जिसके कारण तेलंगाना में टीआरएस सरकार की आलोचना करते हुए कहा गया की के. चंद्रशेखर राव की सरकार बजट में दिखाए बिना और राज्य विधानसभा को सूचित किए बिना ही कर्ज ले रही है। बढ़ते कर्ज के कारण किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो जा रहे हैं जिसमें तेलंगाना किसानों की आत्महत्या में चौथे स्थान पर है।

विपक्ष ने बजट को हवाबाजी करार दिया

जब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022 के मनरेगा योजना बजट को पेश किया तो विपक्ष ने इसे हवाबाजी बताया लेकिन वित्त मंत्री ने कहा की मनरेगा एक मांग आधारित कार्यक्रम है जिसके लिए जब अनुदान की मांग की जाती है तब सरकार फंड देती है।

जॉब कार्ड धारको के लिए पैसे चेक करने की प्रकिया

मनरेगा योजना के अंतर्गत जॉब कार्ड धारकों को कई बार यह पता नहीं चल पाता कि उनके खाते में कितने पैसे इस योजना के अंतर्गत आ रहे हैं यदि आप भी उनमें से एक हैं तो आप इस तरीके से अपने खाते में बैलेंस चेक कर सकते हैं-

1. आपको सबसे पहले अधिकारिक वेबसाइट

https://nrega.nic.in/Netnrega/stHome.aspx पर जाना होगा।

2. इसके बाद आपके सामने एक पेज ओपन होगा जिसमें राज्य का नाम, जिला का नाम, ब्लॉक का नाम और ग्राम पंचायत का नाम सेलेक्ट करने को कहा जाएगा।

3. इसके बाद एक पेज ओपन होगा जिसमें payment to workers ऑप्शन पर आपको क्लिक करना है।

4. इस पर क्लिक करते ही आपके सामने बैलेंस शीट आ जाएगी जिसमें आपका नाम और आपके खाते में बैलेंस की जानकारी होगी।

यह तरीका बहुत ही आसान है।

FAQs

मनरेगा के तहत कितने पैसे खर्च करने का दावा किया जा रहा है?

मनरेगा के तहत केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि पिछले आठ साल मे 5 लाख करोड़ रुपये खर्च किये जा चूके हैं।

तेलंगाना सरकार पर क्या आरोप लगाए गए?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तेलंगाना सरकार पर आरोप लगाते हुए यह कहां कि तेलंगाना सरकार ने राज्य विधानसभा को सूचित किए बिना और बजट का उल्लेख किए बिना ही कर्ज लिया है जिससे राजस्व घाटे में जा रहा है।

मनरेगा क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?

मनरेगा अर्थात महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम जैसे देश के गरीब परिवार के लिए 2006 में लागू किया गया था यह योजना 100 दिन की रोजगार गारंटी देती है जिसे ग्राम पंचायत द्वारा लोगों को प्रदान किया जाता है।इसका उद्देश्य देश के गरीब परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाते हुए पलायन की समस्या से निजात पाना है।

सरकार की कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं

राजीव गांधी किसान न्याय योजना

मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना

प्रधानमंत्री कन्या आशीर्वाद योजना 

प्रधान मंत्री जन-धन योजना

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